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अपनी बात, ब्रह्मलीन परम तपस्वी संत शिरोमणी निक्कुदास जी महाराज की असीम कृपा से ग्रामे-ग्रामे सभाकार्याः, ग्राम-ग्रामे कथा सुभा पाठशालाः, मल्लशाला: (व्यायाम शाला) प्रतिपर्व महोत्सव: भारत वर्ष की आत्मा ग्रामों में बसती है। आत्मा कमजोर हुई तो भारत को शक्ति सम्पन्न नहीं बनाया जा सकता इसीलिए हमें ग्राम और संस्कृति को बचाना होगा। इसी पुनीत कार्य में गौ ग्राम संस्कृति का संरक्षण करते हुए हम विगत 11 वर्षों से जुटे हुए हैं। जिसमें हमारा उद्देश्य स्पष्ट है कि चले प्रकृति की ओर, चले गाय की ओर, चले ग्राम की ओर ... ग्राम संस्कृति एवं गाय का संवर्धन करते हुए ग्राम को स्वावलम्बी बनाने में हम निरंतर जुटे हुए हैं। संगठनात्मक रचना के अनुसार विविध कार्यक्रमों एवं उपक्रमों के माध्यम से निरंतर कार्य चल रहा है। इसी श्रंखला में माघ मास के गुप्त नावरात्रि के पावन दिवस 02 फरवरी 2022, दिन बुधवार से रामचरित मानस मास परायण द्वारा यज्ञ कार्य प्रारम्भ है, जो शतत् प्रारम्भ बना रहे ऐसा हमारा प्रयास है। इस सभी विविध उपक्रमों एवं गतिविधियों हेतु आइये इस पुनीत कार्य में तन, मन, धन से सहभागी बनकर भारत के गौरव को बढ़ाने में अपना योगदान अर्पित करें।

गौ ग्राम संस्कृति संरक्षण समिति